Main Banner Image

भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में नाइट शिफ्ट पाबन्दी और महिलाओं का रोज़गार

वर्ष 2014 और 2017 के बीच, सात भारतीय राज्यों ने अपने नियमों में बदलाव करके महिलाओं को फैक्ट्रियों में नाइट शिफ्ट में काम करने की इजाज़त दी और शर्त रखी कि मालिक ऐसी महिलाओं के लिए अच्छी सुविधाएँ देंगे।...

  • लेख

खेतों में आग, हवाई अपराध

वायु प्रदूषण, पीएम 2.5, फसल अवशेष जलाना, चावल की कटाई का मौसम, भारत की वायु गुणवत्ता, अपराध और प्रदूषण, हिंसक अपराध, महिलाओं हवा प्रदूषण से स्वास्थ्य और उत्पादकता पर पडने वाले प्रभावों के बारे में तो ...

  • लेख

साफ वायु : क्या भारत में पराली जलाने पर प्रतिबंध वाकई कारगर हैं?

दिसंबर 2015 से राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने पाँच राज्यों में पराली जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। पराली जलाने की घटनाओं पर उपग्रह डेटा और लगाए गए जुर्माने के प्रशासनिक आँकड़ों का उपयोग करते हुए, यह लेख इस...

  • लेख
इनके द्वारा सूची स्पष्ट करें :
--कृपया चुने--
--कृपया चुने--

एक उज्जवल भविष्य : झारखंड के एक गाँव में सौर ऊर्जा माइक्रो-ग्रिड

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस, जो हर साल 14 दिसंबर को मनाया जाता है, भारत में ऊर्जा संरक्षण और संधारणीय प्रथाओं को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित करता है। 2024 की थीम सामूहिक ऊर्जा-बचत प्रयासों के प्...

  • फ़ील्ड् नोट

अत्याचार, हत्याएं व अस्पृश्यता : जाति-आधारित भेदभाव का मापन

मानवाधिकार वे अधिकार हैं जो किसी भी व्यक्ति को जन्म के साथ ही मिल जाते हैं। सरल शब्दों में इसका अर्थ है किसी भी व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता और प्रतिष्ठा का अधिकार। 10 दिसंबर को हर साल मानवाधिक...

  • दृष्टिकोण

वज़ीरएक्स : घाटे का समाजीकरण और वित्तीय विनियमन की आवश्यकता

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वज़ीरएक्स को हाल ही में एक सुरक्षा सेंध का सामना करना पड़ा, जिसके कारण इसके उपयोगकर्ताओं को भारी नुकसान उठाना पड़ा। निपुणा वर्मन ने इस लेख में, ‘घाटे का समाजीकरण’ रिकवरी योजना क...

  • दृष्टिकोण

लिंग-आधारित हिंसा की रिपोर्टिंग : सार्वजनिक सक्रियता और संवाद क्यों महत्वपूर्ण हैं

कोलकाता के एक अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक महिला डॉक्टर के साथ हुए क्रूरतापूर्वक बलात्कार और हत्या के हालिया मामले के कारण देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए और इसने एक बार फिर भारत में महिलाओं की सुरक्ष...

  • लेख

भारत के कुल रोज़गार में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा : प्रदर्शन खराब नहीं है

भारत में नौकरियों के बारे में उपलब्ध आँकड़े पिछले 50 वर्षों में भारत के कुल रोज़गार में विनिर्माण के हिस्से में मामूली वृद्धि ही दर्शाते हैं। इस लेख में बिश्वनाथ गोलदार ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि व...

  • लेख

रक्षात्मक सहयोग : भारतीय मुसलमानों के समाज-सार्थक दृष्टिकोण को समझना

विकास के मुख्यधारा के सिद्धांत अधिक समरूप परिस्थितियों में सार्वजनिक साधनों में योगदान करने की अधिक इच्छा को दर्शाते हैं। दिल्ली की झुग्गियों में किए गए एक अध्ययन के निष्कर्षों को इस लेख में प्रस्तुत ...

  • लेख

गर्भनिरोधक संबंधी निर्णयों के घरेलू हिंसा पर प्रभाव : निर्णय और गतिशीलता

महिलाओं की परिवार में अपनी बात रखने की शक्ति और रोज़गार व शिक्षा के रूप में उनके सशक्तीकरण को, अन्तरंग-साथी द्वारा उनके प्रति हिंसा (इंटिमेट पार्टनर वायलेंस- आईपीवी) की घटनाओं के कम होने और बढ़ जाने, द...

  • लेख

वस्तु-रूपी हस्तांतरण : डेडवेट हानि या लाभ?

क्या सामाजिक सहायता के लिए वस्तु-रूप में दिया जाने वाला हस्तांतरण उपभोक्ता की पसंद को सीमित करके ‘डेडवेट लॉस’ की ओर ले जाता है? इस लेख में महाराष्ट्र में हुए एक प्रयोग से प्राप्त निष्कर्षों को प्रस्तु...

  • लेख

कैसे लड़कियों की शिक्षा में निवेश से भारत में घरेलू हिंसा कम हो सकती है

भारत में 15 से 49 वर्ष की आयु की लगभग एक तिहाई महिलाएँ घरेलू हिंसा का सामना करती हैं। यह लेख जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम, बड़े पैमाने के एक स्कूल विस्तार कार्यक्रम, के कारण लड़कियों की शिक्षा में व...

  • लेख

भारत में पेटेंट का संरक्षण : नवाचार, मूल्य निर्धारण और प्रतिस्पर्धा पर प्रभाव

भारत में जब पेटेंट सम्बन्धी मज़बूत कानून पेश किए गए, तब यह आशंका जताई गई थी कि इससे नवाचार में पर्याप्त लाभ के बगैर कीमतें बढ़ जाएंगी। यह लेख इस बात का सबूत देता है कि पेटेंट संरक्षण सम्बन्धी मज़बूत कान...

  • लेख

भारत में स्थिर वास्तविक मज़दूरी की समस्या

श्रम ब्यूरो और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के नए नए आँकड़े पिछले एक दशक में भारत में वास्तविक मज़दूरी के वास्तविक ठहराव की ओर इशारा करते हैं। इस शोध आलेख में दास और ड्रेज़ तर्क देते हैं कि यह प्र...

  • दृष्टिकोण

भारत में रोज़गार की विशाल समस्या और इसके कुछ समाधान

भारत के केन्द्रीय बजट 2024-25 की घोषणा में रोज़गार सृजन की आवश्यकता पर महत्वपूर्ण ज़ोर दिया गया है। प्रणब बर्धन इस लेख के ज़रिए लम्बे समय में अच्छी नौकरियों के स्थाई सृजन हेतु एक चार-आयामी रणनीति- बड़े प...

  • दृष्टिकोण