Main Banner Image
हिन्दी अनुभाग

भारत में समाचार पत्र बाज़ार के राजनीतिक निर्धारक

समाचार पत्र भारतीय मतदाताओं के लिए राजनीतिक जानकारी का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं। लेख में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि राजनीतिक कारक समाचार पत्र बाज़ार को किस तरह से प्रभावित करते हैं। 2000 के दशक क...

  • लेख

भारत के विनिर्माण क्षेत्र के श्रमिकों में निवेश और उत्पादकता

पहली मई को दुनिया भर में श्रम दिवस मनाया जाता है और आधुनिक विश्व की अर्थ व्यवस्था और प्रगति में श्रम, श्रम बाज़ार व श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसी सन्दर्भ में आज के इस लेख में, अध्वर्यु एवं अन्य...

  • दृष्टिकोण

क्या सुरक्षित पेयजल से बच्चों के शैक्षिक परिणामों में सुधार हो सकता है?

यह अच्छी तरह से प्रमाणित हो चुका है कि शुद्ध पानी पीने से स्वास्थ्य संबंधी लाभ होते हैं, लेकिन क्या इससे बच्चों के शैक्षिक परिणामों में भी सुधार हो सकता है? साफ पानी का अधिकार एक मूल अधिकार है और एक स...

  • लेख
इनके द्वारा सूची स्पष्ट करें :
--कृपया चुने--
--कृपया चुने--

विकासशील देशों में उन्नति से जुड़ी बाधाएं

हाल के दशकों में, उन्नत विश्व प्रौद्योगिकियों को अपनाये जाने से मदद मिलने के कारण कुछ हद तक कई देशों में तेजी से विकास हुआ है। इस लेख में, एरिक वरहोजेन ने उन कारकों के बारे में चर्चा की है जो विकासशील...

  • दृष्टिकोण

वित्तीय पहुंच परिवारों में महिलाओं की निर्णय लेने की भूमिका को कैसे प्रभावित करती है

महिलाओं को वित्तीय सहायता तक पहुंच प्रदान करने वाले सरकारी कार्यक्रमों द्वारा दी जाने वाली सहायता अक्सर इतनी कम होती है कि जिससे महिलाओं की उनके परिवार में आर्थिक स्थिति में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं ...

  • लेख

श्रम प्रतिबंधों में ढील का प्रभाव: राजस्थान में रोजगार से संबंधित साक्ष्य

भारत में कड़े श्रम कानून फर्मों के विकास में बाधा डाल सकते हैं और अनौपचारिक एवं अनुबंध वाले रोजगार बढ़ा सकते हैं। यह लेख, औद्योगिक विवाद अधिनियम (आईडीए) में संशोधन के बाद राजस्थान में स्थित फर्मों से ...

  • लेख

भारत में छात्र मूल्यांकन संबंधी खराब डेटा में सुधार लाना

भारत में छात्रों के शिक्षा के स्तर के बारे में प्रशासनिक डेटा की सटीकता पर मौजूदा प्रमाण को ध्यान में रखते हुए, सिंह और अहलूवालिया चर्चा करते हैं कि छात्र मूल्यांकन की एक विश्वसनीय प्रणाली क्यों मायने...

  • दृष्टिकोण

प्रशासनिक प्रसार के जनसांख्यिकीय और विकास परिणाम

भारत में अक्सर मौजूदा जिलों को विभाजित करके नए प्रशासनिक जिलों का निर्माण होता रहा है, जहां पिछले चार दशकों में जिलों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। इस लेख में, वर्ष 1991 से 2011 तक के आंकड़ों के ...

  • लेख

स्वयं-सहायता समूहों में जाति आधारित मतभेद: ग्रामीण आजीविका कार्यक्रम से साक्ष्य

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों की आय में वृद्धि करना और उनके कल्याण में सुधार लाना है। इस लेख में, भारत में नौ राज्यों के सर्वेक्षण डेटा का उपयोग करते हुए, एनआर...

  • लेख

जन्म बनाम योग्यता: भारत में उद्यमशीलता पर जाति व्यवस्था का प्रभाव

भारत में जाति व्यवस्था के प्रचलन के कारण सामाजिक गतिशीलता प्रतिबंधित रही है। यह लेख इस बात को दर्शाता है कि जाति असमानताओं की वजह से फर्मों में संसाधनों का गलत तरीके से आवंटन हुआ है। इस लेख में निम्न ...

  • लेख

सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए सूचना-संबंधी बाधाओं को कम करना: भारत से प्रायोगिक साक्ष्य

अभी भी बड़ी संख्या में लोगों को विश्वसनीय और उच्च गुणवत्ता वाली बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है। इस अंतर को ऑफ-ग्रिड सौर प्रौद्योगिकियां कम कर सकती हैं,तथापि इन्हें कम अपनाया गया है। इस लेख में तीन भारती...

  • लेख

नौकरशाही नियुक्तियों को मिलने वाले निजी लाभ: भारत में वित्तीय खुलासे से साक्ष्य

हम अक्सर देखते हैं कि नौकरशाहों की तनख्वाह का ढांचा बहुत बंधा हुआ होता है | साथ ही, उन्हें मिलने वाली अन्य आर्थिक सुविधाएं और भत्ते न सिर्फ बेहद कम होते हैं, बल्कि उनमें प्रदर्शन के आधार पर कोई खास फर...

  • लेख

भारत में स्वास्थ्य बीमा तक पहुंच: प्रत्यक्ष और स्पिलओवर प्रभाव

भारत में स्वास्थ्य देखभाल की उच्च लागत के चलते कई कम आय वाले परिवार गरीबी में आ जाते हैं | गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम - राष्ट्रीय स्व...

  • लेख

प्रवासन-प्रेरित मांग के प्रति शहरी भारत की आवास आपूर्ति प्रतिक्रिया

क्या भारत में शहरी आवास आपूर्ति ने आवास की बढ़ती मांग के साथ तालमेल बिठाया है? यह लेख, वर्ष 2001 और 2011 के बीच के जनगणना संबंधी आंकड़ों का उपयोग करते हुए प्रवासन से प्रेरित आवास मांग की प्रतिक्रिया क...

  • लेख

'इंडियन मैचमेकिंग': कामकाजी महिलाओं को विवाह बाजार में नुकसान (पेनल्टी)

भारत में महिला शिक्षा दरों में वृद्धि के बावजूद, विश्व स्तर पर भारत में महिला श्रम-शक्ति भागीदारी दर सबसे कम में से है। शादी डॉट कॉम (Shaadi.com) पर उपलब्ध प्रोफाइल के माध्यम से एकत्र किए गए डेटा का उ...

  • लेख