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राज्यों की सब्सिडी का बढ़ता बोझ
भारत में राज्य सरकारों द्वारा नागरिकों को कल्याणकारी लाभ पहुँचाना अक्सर ‘सब्सिडी’ के रूप में जाना जाता है। इस लेख में वर्ष 2018-19 और 2022-23 के बीच की अवधि के लिए भारत के सात राज्यों के बजटीय डेटा का...
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Kishan Narayan
08 अप्रैल, 2025
- लेख
केन्द्रीय बजट 2025-26 : कई छोटे-छोटे उपाय लेकिन बड़े विचारों का अभाव
वित्त मंत्री ने हाल ही में वर्ष 2025-26 का केन्द्रीय बजट पेश किया। राजेश्वरी सेनगुप्ता इस लेख में बजट पर चर्चा करते हुए यह बताती हैं कि इस का सबसे महत्वपूर्ण पहलू कर राहत के माध्यम से मध्यम वर्ग के उप...
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Rajeswari Sengupta
13 फ़रवरी, 2025
- दृष्टिकोण
वज़ीरएक्स : घाटे का समाजीकरण और वित्तीय विनियमन की आवश्यकता
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वज़ीरएक्स को हाल ही में एक सुरक्षा सेंध का सामना करना पड़ा, जिसके कारण इसके उपयोगकर्ताओं को भारी नुकसान उठाना पड़ा। निपुणा वर्मन ने इस लेख में, ‘घाटे का समाजीकरण’ रिकवरी योजना क...
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Nipuna Varman
05 दिसंबर, 2024
- दृष्टिकोण
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार और वैश्विक जोखिम
जीडीपी की तुलना में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है। इस लेख में, केन्द्रीय बैंकों द्वारा भंडार जमा करने के पीछे के उद्देश्यों की जाँच की गई है और यह भी देखा गया है कि क्या अत्यधिक पूंजी...
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Chetan Ghate
Kenneth Kletzer
Mahima Yadav
23 जुलाई, 2024
- लेख
अनिवार्य कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी के प्रति ऋण बाज़ार की प्रतिक्रिया
अनिवार्य कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व यानी सीएसआर के प्रति ऋण धारकों की प्रतिक्रिया की जाँच करने के लिए जीतेन्द्र अस्वानी के इस शोध लेख में भारतीय कम्पनी अधिनियम 2013 और इसके सीएसआर नियम से प्रभावित...
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Jitendra Aswani
04 जनवरी, 2024
- लेख
भारत में स्वास्थ्य बीमा तक पहुंच: प्रत्यक्ष और स्पिलओवर प्रभाव
भारत में स्वास्थ्य देखभाल की उच्च लागत के चलते कई कम आय वाले परिवार गरीबी में आ जाते हैं | गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम - राष्ट्रीय स्व...
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Gabriella Conti
Cynthia Kinnan
Anup Malani
Alessandra Voena
04 अगस्त, 2022
- लेख