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सतत विकास की दिशा में भारत के अवसर
गत सप्ताहांत लन्दन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स एंड पोलिटिकल साइंस में 'भारत सतत विकास सम्मेलन' का आयोजन किया गया जिसमें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रो. एस्थर दुफ्लो समेत कई प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों, विशेषज...
- Tim Dobermann Nikita Sharma
- 09 मई, 2024
- दृष्टिकोण
'प्लेटफ़ॉर्म’ अर्थव्यवस्था का अध्ययन करने के लिए श्रम बाज़ार के आँकड़े एकत्रित करना
हालाँकि भारत डिजिटल श्रम बाज़ार प्लेटफार्मों के मामले में एक अग्रणी देश के रूप में उभरा है, लेकिन गिग (अस्थाई और अल्पावधि के काम व सेवाएं) अर्थव्यवस्था के बारे में कम डेटा उपलब्ध है। नेहा आर्य सीपीएचए...
- Neha Arya
- 31 अक्टूबर, 2023
- लेख
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेवा-आधारित विकास : भारतीय नौकरी विज्ञापनों से साक्ष्य
भारत में नौकरियों की सबसे बड़ी वेबसाइट से रिक्तियों की ऑनलाइन सूचनाओं के एक नए डेटासेट का उपयोग करते हुए, कोपेस्टेक एवं अन्य, वर्ष 2016 के बाद से सेवा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित कौ...
- Alexander Copestake Max Marczinek Ashley Pople Katherine Stapleton
- 16 जून, 2023
- लेख
विद्युत अधिनियम में संशोधन: सजग दृष्टिकोण की आवश्यकता
विद्युत अधिनियम, 2003 में हाल ही में प्रस्तावित संशोधन कुछ विधायी परिवर्तनों के साथ लगभग दो दशकों के बाद आया है। इस लेख में, दीक्षित और जोसे बिजली क्षेत्र के विकास- विशेष रूप से उस समय के दौरान प्रौद्...
- Shantanu Dixit Ann Josey
- 08 दिसंबर, 2022
- लेख
सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए सूचना-संबंधी बाधाओं को कम करना: भारत से प्रायोगिक साक्ष्य
अभी भी बड़ी संख्या में लोगों को विश्वसनीय और उच्च गुणवत्ता वाली बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है। इस अंतर को ऑफ-ग्रिड सौर प्रौद्योगिकियां कम कर सकती हैं,तथापि इन्हें कम अपनाया गया है। इस लेख में तीन भारती...
- Meera Mahadevan Robyn Meeks Takashi Yamano
- 17 अगस्त, 2022
- लेख
डिजिटल सपना: भारत को भविष्य के लिए कौशल-निपुण बनाना
कोविड-19 महामारी ने हमारे जीवन में आम होती जा रही प्रौद्योगिकी की गति को तेज कर दिया है, इसने एक बड़े डिजिटल विभाजन को भी उजागर किया है, जिससे भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस प्रतिमान बदलाव से बाहर...
- Venugopal Mothkoor Fatima Mumtaz
- 16 जून, 2022
- दृष्टिकोण
भारतीय विनिर्माण उद्योग में हिंदू-मुस्लिम एकता और फर्म का उत्पादन- एक क्षेत्र प्रयोग से साक्ष्य
उपलब्ध प्रमाण दर्शाते हैं कि खराब सामाजिक संबंधों और श्रमिकों में पसंद-आधारित भेदभाव के चलते जातिगत विविधता फर्म के उत्पादन को कम कर सकती है। यह लेख, पश्चिम बंगाल के एक विनिर्माण संयंत्र में किये गए ए...
- Arkadev Ghosh
- 31 मई, 2022
- लेख
अंतर्निहित प्रयोगों में जोखिम
शोधकर्ताओं और नीति-निर्माताओं द्वारा एक टीम के रूप में किये जा रहे 'अंतर्निहित प्रयोगों' में रुचि बढ़ रही है। क्षमता के पैमाने के अलावा,इन प्रयोगों का मुख्य आकर्षण किये गए शोध को शीघ्र ही नीति में पर...
- Jean Drèze
- 19 मई, 2022
- दृष्टिकोण
क्या ग्रामीण महिलाओं द्वारा फोन का उपयोग किये जाने से उनके प्रति लैंगिक मानदंडों में उदारता आती है?
भारत में मोबाइल नेटवर्क की बेहतर कनेक्टिविटी के बावजूद, महिलाओं की प्रौद्योगिकी तक पहुंच और उनके द्वारा इसके उपयोग के संबंध में लैंगिक पूर्वाग्रह अभी तक बने हुए हैं। इस लेख में, एक अध्ययन से प्राप्त प...
- Giorgia Barboni Natalia Rigol Simone Schaner Natalie Theys
- 29 अक्टूबर, 2021
- फ़ील्ड् नोट
प्रोद्योगिकी में लैंगिक परिवर्तन: कृषि मशीनीकरण से साक्ष्य
भारतीय कृषि में बढ़ते मशीनीकरण के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषकर महिलाओं के लिए कृषि रोजगार में कमी आई है। यह लेख दर्शाता है कि 1999-2011 के दौरान मशीनीकरण में 32 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कृष...
- Farzana Afridi Monisankar Bishnu Kanika Mahajan
- 03 अगस्त, 2021
- लेख
आज़ादी के फल? महिलाओं की कार्य में भागीदारी और घरेलू उपकरणों को अपनाना
क्या महिलाओं की कार्य भागीदारी में वृद्धि घरेलू उपकरणों को अधिक अपनाये जाने का कारण बनती है, या मामला ठीक इसके विपरीत है? इस प्रश्न को हल करने के लिए, इस लेख में द्वितीय विश्व युद्ध की अवधि के अमेरिकी...
- Gautam Bose Tarun Jain Sarah Walker
- 10 जून, 2021
- लेख
कृषिक्षेत्र के द्वार पर ‘ड्रामा’
नए 'एपीएमसी (एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी) बाइपास एक्ट' को 'डुअल रेगुलेशन ऑफ एग्रीकल्चर मार्केटिंग एक्ट' या ‘ड्रामा’ बताते हुए ज्यां द्रेज़ यह तर्क देते हैं कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दोहर...
- Jean Drèze
- 23 मार्च, 2021
- दृष्टिकोण