Tag Search: “मानव विकास”
कोविड-19 संकट ने शहरी गरीबों को कैसे प्रभावित किया है? एक फोन सर्वेक्षण के निष्कर्ष-III
हालांकि भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के सार्वजनिक स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव को सभी जानते हैं परंतु इसके आर्थिक और मनोवैज्ञानिक आयामों पर अपेक्षाकृत कम साक्ष्य उपलब्ध है। दिल्ली के औद्योगिक समू...
- Farzana Afridi Amrita Dhillon Sanchari Roy
- 27 जुलाई, 2021
- फ़ील्ड् नोट
भारत में मानसिक स्वास्थ्य असमानताएँ
सामाजिक समूहों के बीच शारीरिक स्वास्थ्य असमानताओं को लेकर अब तक काफी शोध किया जा चुका है, लेकिन इसमें मानसिक स्वास्थ्य का पहलू अब तक अनदेखा है। 2007-2008 में छह भारतीय राज्यों में डब्ल्यूएचओ द्वारा कि...
- Diane Coffey Aashish Gupta Meghana Mungikar
- 18 दिसंबर, 2020
- लेख
कोविड-19 संकट ने शहरी गरीबों को कैसे प्रभावित किया है? फोन सर्वेक्षण के निष्कर्ष - II
हालांकि कई टिप्पणीकारों ने चल रहे कोविड-19 संकट के कारण प्रवासियों की दुर्दशा को उजागर किया है, परंतु शहरी झुग्गी-झोंपडी बस्तियों में रह रहे कम आय वाले परिवारों के बारे में कम ही ज्ञात है। अफरीदी, ढि...
- Farzana Afridi Amrita Dhillon Sanchari Roy
- 14 मई, 2020
- फ़ील्ड् नोट
कोविड-19 संकट ने शहरी गरीबों को कैसे प्रभावित किया है? - फोन सर्वेक्षण के निष्कर्ष - I
यद्यपि कई टिप्पणीकारों ने वर्तमान कोविड-19 संकट के कारण प्रवासियों की दुर्दशा पर प्रकाश डाला है, परंतु शहरी झुग्गी झोंपडी बस्तियों में रह रहे कम आय वाले परिवारों के बारे में बहुत कम ज्ञात है। इस नोट ...
- Farzana Afridi Amrita Dhillon Sanchari Roy
- 13 मई, 2020
- फ़ील्ड् नोट
एक महामारी के दौरान खाद्य और कृषि: प्रभावों का प्रबंधन
नोवल कोरोनोवायरस महामारी के बाद लॉकडाउन का एक महत्वपूर्ण प्रभाव यह हुआ है कि किसान और उपभोक्ता इस बात को लेकर असमंजस, अनिश्चितता और चिंता में हैं कि आखिर आने वाले हफ्तों में क्या होगा। इस पोस्ट में, स...
- Sudha Narayanan
- 30 मार्च, 2020
- लेख
शक्ति के पहिए : बिहार साइकल कार्यक्रम के दीर्घकालिक प्रभाव
बिहार सरकार ने 2006 में स्कूल जाने के लिए साइकल खरीदने के लिए कक्षा 9 की लड़कियों को नकद रुपए देने का एक कार्यक्रम शुरू किया था। वर्ष 2016 में किए गए एक सर्वे के आधार पर इस आलेख में दर्शाया गया है कि ...
- Shabana Mitra Kalle Moene
- 13 मार्च, 2019
- लेख
किसकी शिक्षा मायने रखती है? भारत में अंतर्जातीय विवाहों का एक विश्लेषण
वर्ष 2011 में भारत में अंतर्जातीय विवाहों की दर 5.82 प्रतिशत के निम्न स्तर पर थी और पिछले चार दशकों के दौरान इसमें कोई वृद्धि का रुझान नहीं दिखा है। इस आलेख में भारत में अंतर्जातीय विवाहों और शिक्षा क...
- Arka Roy Chaudhuri Tridip Ray Komal Sahai
- 20 फ़रवरी, 2019
- लेख