Tag Search: “उद्यमिता”
भारत की अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में उप-अनुबंध लिंकेज
अनौपचारिक उद्यमों के विकास को सुविधाजनक बनाने की दिशा में बड़ी फर्मों के साथ उनके उप-अनुबंध लिंकेज को महत्वपूर्ण माना गया है। इस लेख में वर्ष 2001-2016 के दौरान भारतीय अनौपचारिक विनिर्माण से संबंधित र...
-
Surbhi Kesar
10 सितंबर, 2024
- लेख
भारत में उद्यमिता और रोज़गार में लैंगिक असमानताओं का आकलन
आर्थिक विकास सम्पूर्ण कार्यबल के सफल उपयोग पर निर्भर करता है। एजाज़ ग़नी का तर्क है कि लैंगिक समानता न केवल मानवाधिकारों का एक प्रमुख स्तम्भ है, बल्कि उच्च और अधिक समावेशी आर्थिक विकास को बनाए रखने का ए...
-
Ejaz Ghani
12 अप्रैल, 2024
- दृष्टिकोण
पीढ़ी-दर-पीढ़ी बुनाई : ग्रामीण भारत में पारिवारिक व्यवसायों में उत्पादकता लाभ
हर साल 12 फरवरी को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस का उद्देश्य अर्थव्यवस्था में उत्पादकता, नवाचार और निपुणता के महत्त्व पर ज़ोर देना है। इसी सन्दर्भ में प्रस्तुत इस लेख में पारिवारिक स्वामित्व ...
-
Shreya Banerjee
Aastha Dang
Jane Hammaker
Tarun Jain
Chandan Jain
Divya Pandey
Fatema Patel
13 फ़रवरी, 2024
- लेख
क्या रोज़गार के सृजन से भारत में गरीबी कम हो सकती है?
भारतीय अर्थव्यवस्था में जब लगातार वृद्धि हो रही है, इस बात पर आम सहमति बनी है कि गरीबी को कम करने के लिए अधिक से अधिक नौकरियों का सृजन किया जाना महत्वपूर्ण है। एजाज़ ग़नी उन रुझानों को साझा करते हैं जो...
-
Ejaz Ghani
14 दिसंबर, 2023
- दृष्टिकोण
जन्म बनाम योग्यता: भारत में उद्यमशीलता पर जाति व्यवस्था का प्रभाव
भारत में जाति व्यवस्था के प्रचलन के कारण सामाजिक गतिशीलता प्रतिबंधित रही है। यह लेख इस बात को दर्शाता है कि जाति असमानताओं की वजह से फर्मों में संसाधनों का गलत तरीके से आवंटन हुआ है। इस लेख में निम्न ...
-
Sampreet Goraya
25 अगस्त, 2022
- लेख
क्या वित्तीय पहुंच से भारतीय अनौपचारिक क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा मिल सकता है?
विकासशील देशों में साख बाजारों की व्यापक विफलता के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुई साख संबंधी बाधाओं को व्यापक रूप से उद्यमिता के लिए एक प्रमुख बाधा के रूप में माना गया है। यह लेख वर्ष 2010-11 और 2015-16 के ...
-
Ira N. Gang
Rajesh Raj S.N.
Kunal Sen
26 मई, 2022
- लेख
औद्योगिक दुर्घटनाओं में हो रही वृद्धि: ‘व्यापार करने में आसानी’ को बढ़ावा देने का परिणाम है?
भारत में हाल के वर्षों में औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में आग और विस्फोट से संबंधित गंभीर दुर्घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। इस पोस्ट में, आर. नागराज ने तर्क दिया है कि विश्व बैंक के ‘व्यापार ...
-
R. Nagaraj
11 मई, 2021
- दृष्टिकोण