Tag Search: “पोषण”
निम्न आय वाले व्यक्तियों को अनाज सब्सिडी और उनके द्वारा ‘जंक फूड’ की खरीद
सरकारें कम आय वाले समुदायों में कुपोषण को दूर करने के लिए महंगे खाद्य सब्सिडी कार्यक्रमों पर निर्भर हैं, हालाँकि उनका प्रभाव स्पष्ट नहीं है क्योंकि खाद्य खरीद निर्णयों के सम्बन्ध में केवल स्व-रिपोर्ट ...
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Ali Aouad
Kamalini Ramdas
Alp Sungu
03 अक्टूबर, 2024
- फ़ील्ड् नोट
खेत से थाली तक : भारत में सतत पोषण हेतु मोटे अनाज या मिलेट्स पर एकीकृत प्रयास आवश्यक
वर्ष 2023 को कदन्न, मोटे अनाजों या मिलेट्स के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाया गया और आई4आई द्वारा आयोजित ई-संगोष्ठी के इस आलेख में, कुमार, दास और जाट मोटे अनाजों की खेती बढ़ाने की क्षमता के बारे ...
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Shalander Kumar et al. (View all)
18 जनवरी, 2024
- दृष्टिकोण
मातृत्व पर पोषण का बोझ : क्या बच्चों को दिया जाने वाला मध्याह्न भोजन उनकी माताओं के स्वास्थ्य परिणामों में भी सुधार ला सकता है?
मध्याह्न भोजन बच्चों को पोषण सुरक्षा जाल प्रदान करता है और उनके अधिगम परिणामों तथा स्कूलों में उनकी उपस्थिति में सुधार लाता है। निकिता शर्मा तर्क देती हैं कि मध्याह्न भोजन प्राप्त करने वाले बच्चों की ...
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Nikita Sharma
09 जून, 2023
- दृष्टिकोण
75 वर्षों के योजनाबद्ध विकास के बाद आदिवासी आजीविका की स्थिति
भारत में आदिवासी समुदाय की भलाई सुनिश्चित करने हेतु सतत प्रयास किये जाने के बावजूद, यह समुदाय सबसे वंचितों में से एक रहा है। चौधरी एवं घोष ने इस लेख में झारखंड तथा ओडिशा में रहने वाले आदिवासी समाज की ...
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Dibyendu Chaudhuri
Parijat Ghosh
02 मार्च, 2023
- लेख
आर्थिक विकास, पोषण जाल, और चयापचय संबंधी रोग
हाल ही में प्रलेखित किये गए दो तथ्य इस परंपरागत धारणा के विपरीत चलते हैं कि आर्थिक विकास बेहतर स्वास्थ्य की ओर ले जाता है: विकासशील देशों में आय और पोषण की स्थिति के बीच एक स्पष्ट लिंक का अभाव; और आर्...
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Nancy Luke
Kaivan Munshi
Anu Mary Oommen
Swapnil Singh
27 जनवरी, 2022
- लेख
पोषण में सुधार हेतु स्कूली भोजन योजनाओं का महत्व
भारत में अल्पपोषित बच्चों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है और यहां मिड-डे मील (एमडीएम) के रूप में स्कूली भोजन की सबसे बड़ी योजना जारी है परंतु इस योजना के अंतर-पीढ़ीगत प्रभाव पर सीमित साक्ष्य उपलब्...
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Harold Alderman
Suman Chakrabarti
Daniel Gilligan
Purnima Menon
Samuel Scott
24 अगस्त, 2021
- लेख
कोविड -19: क्या मोटापा कोई भूमिका निभाता है?
भारत में अतिपोषण एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा है। अधिक वजन या मोटापा कोविड -19 की वजह से होने वाली गंभीर बीमारी के प्रति व्यक्तियों को अधिक संवेदनशील बनाते हैं। कोविड -19 के जिला-स्तरीय डेटा औ...
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Archana Dang
Indrani Gupta
09 जुलाई, 2021
- लेख
कोविड-19 संकट और खाद्य सुरक्षा
2020 में कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए भारत में लगाए गए राष्ट्रीय लॉकडाउन ने लाखों लोगों को बेरोजगार कर दिया और जो लोग रोज़गार में बने रहे उनकी कमाई में तेजी से कमी आई। बहु-राज्य सर्वेक्षणों के आ...
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Jean Drèze
Anmol Somanchi
02 जुलाई, 2021
- दृष्टिकोण
सूचना का प्रावधान और खाद्य सुरक्षा: शहरी भारत में एक क्षेत्रीय अध्ययन
हालांकि लाखों लोगों के दैनिक भोजन की खपत का एक महत्वपूर्ण भाग स्ट्रीट फूड है, तथापि इन खाद्य आपूर्ति श्रृंखलाओं की विश्वसनीयता और सुरक्षा लोगों के स्वास्थ्य के सन्दर्भ में एक प्रमुख सार्वजनिक चिंता बन...
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Gianmarco Daniele
Sulagna Mookerjee
Denni Tommasi
07 जून, 2021
- लेख
पोषण संकट को संबोधित करना: ओडिशा मिलेट मिशन के प्रभाव
ओडिशा राज्य में कुपोषण एक गंभीर समस्या है, और साक्ष्य बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरों से संसाधन-प्रचुर चावल-गेहूं की उपज प्रणाली अस्थिर हो जाएगी। इस नोट में, साहा एवं अन्य द्वारा इस बात को...
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Subhodeep Basu
Arghadeep Saha
Sayantani Sathpathi
30 अप्रैल, 2021
- फ़ील्ड् नोट
बढ़ते शहरीकरण के प्रभाव में ग्रामीण भारत में बढ़ता हुआ मोटापा
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) 2015-16 के आंकड़ों के अनुसार भारत की लगभग 20% जनसंख्या मोटापे से ग्रस्त है। यह लेख बताता है कि देश में मोटापे की प्रवृत्ति ने इसके स्वाभाविक आर्थिक परिव...
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Anaka Aiyar
Prabhu Pingali
Andaleeb Rahman
07 अप्रैल, 2021
- लेख
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कवरेज की समीक्षा
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) काफी चर्चित विषय रहा है। रीतिका खेरा और अनमोल सोमंची ने सरकारी आंकड़ों का प्रयोग कर पीडीएस के राज्य-वार कवरेज का अनुमान लगाया और भोजन ...
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Reetika Khera
Anmol Somanchi
14 सितंबर, 2020
- दृष्टिकोण